कभी तौबा नहीं करता
कभी तौबा नहीं करता, और सजदा भी नही करता,
कभी मुझको मेरा दिलबर, रुसबा भी नहीं करता।
कभी मुझको मेरा दिलबर, रुसबा भी नहीं करता।
उसके दिल की मैं समझूं, मेरे दिल की बस वो समझे,
है उल्फत की रवायत एक, अदा वो भी नहीं करता।
है उल्फत की रवायत एक, अदा वो भी नहीं करता।
है हर पल बस यही कोशिश, कि मुझको न कोई गम हो,
है उसके दिल में क्या मुझसे, बयां वो भी नहीं करता।
है उसके दिल में क्या मुझसे, बयां वो भी नहीं करता।
मैं घर, दिल, आरजू से और, नजरों से मिटा डालूं,
बड़ा मासूम है पर वो, खता कोई नही करता।
बड़ा मासूम है पर वो, खता कोई नही करता।
हजारों आरजू कह दी, मगर पल भर न वो बदला,
मेरा दिल टूटता तिल तिल, सद़ा कोई नहीं करता।
मेरा दिल टूटता तिल तिल, सद़ा कोई नहीं करता।
मोहब्बत तो उसे भी है, मगर नादान थोड़ा है,
कि मेरी बाहों में आता है, अदा कोई नहीं करता।
कि मेरी बाहों में आता है, अदा कोई नहीं करता।
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