मोहब्बत-मोहब्बत- मोहब्बत का है

मोहब्बत-मोहब्बत-मोहब्बत का है, 

तेरा मेरा ये रिश्ता मोहब्बत का है,

क्या जमाना कहेगा, मुझे क्यों फिकर,

तू मेरा, तू मेरा, जन्म जन्मो का है।


वो क्यों मान लूं, जो मुझे नापसन्द,

बिन तेरे तो मुझे ये जहान नापसन्द,

तू मिले न मुझे तो, जहान छोड़ दूं,

बिन तेरे तो मुझे है, ख़ुदा नापसन्द।

इस जहां से न डर, आसमाँ से न डर,

तू मेरा, तू मेरा, जन्म जन्मो का है।


डर न तु, दो कदम तो मेरे साथ चल,

हाथ में मेरे देकर, तेरा हाथ चल,

ये भी माना सफर ये है, उलझन भरा

बन के तू हमसफ़र पार आकाश चल।

है मेरे साथ तू, डर नही मौत का

तू मेरा, तू मेरा, जन्म जन्मो का है।


खुशनुमा हो गया, मेरा हर ख्वाब अब,

बिन तेरे है नही, कोई अह्सास अब,

कैसे दिल मान ले, तू हकिकत नही,

मुझको रब सा है तुझपर विश्वास अब

तू भले ना मिले, मैं तेरा हो गया,

तू मेरा, तू मेरा, जन्म जन्मो का है।


हो कोई राह, मेरी तो मंजिल है तूं,

तुझे छोर कर कोई साहिल नहीं,

तू ही पतवार है, और तू हीं धार है,

ये भी मुमकिन, तेरे मैं हूँ, काबिल नही,

पर करे क्या ये दिल, है तुझी पर फिदा,

हो गया ये तेरा, जन्म जन्मो का है। 


मोहब्बत-मोहब्बत- मोहब्बत का है, 

तेरा मेरा ये रिश्ता मोहब्बत का है,



विश्वनाथ

25-01-2000

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