मेरे हर गीत में तुम हो

मेरे हर गीत में तुम हो, 
ये दूरी क्यों बढ़ाई है,
हैं मेरी आंख में आंसू, 
तुम्हारी याद आई है,
कि तुझसे दूर होकर के
अभी तक इश्क़ रोता है,
जमाना हो गया रूठे
कभी मिलने तो आ आओ।


कभी तुमसे ही रौनक थी,
कभी तुमसे ही रोशन थी,
जो रातें आज तन्हां हैं,
जो गलियां आज सूनी हैं,
मोहब्बत आज भी तन्हा, 
मोहब्बत आज तक रुसबा,
तेरी ही याद में डूबा,
कभी तो दिल पर छा जाओ,
जमाना हो गया रूठे
कभी मिलने तो आ आओ।


मुझे इन चाँद तारों की,
कभी हसरत नही थी पर,
मुझे दिलकश नजारों की,
कभी चाहत नही थी पर,
तुम्हारी चाह में कितना, 
नयापन आज भी देखो,
नए अरमान में डूबे,
नए कुछ गीत गा जाओ,
जमाना हो गया रूठे
कभी मिलने तो आ आओ।


कभी कहने नहीं देती,
मोहब्बत की है मजबूरी,
बहुत लंबी हुई देखो,
जो अपने बीच थी दूरी,
नया है आज फिर सूरज,
नई रातें नया चंदा,
जो बीती भुलकर उसको,
गले फिर से लगा जाओ।
जमाना हो गया रूठे
कभी मिलने तो आ आओ।

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