तुम्हारी आंखें

तुम्हारी आंखें तुम्हारी जुल्फें,
तुम्हारी बाहों में दिल हमारा,
उलझ गया है संभालूं कैसे,
तुम्हारे पहलू में दिल हमारा।

तराशा जिसको खुदा ने खुद ही,
कि जैसे मूरत हो संगमरमर,
कहीं वो खुद ही न दिल हार जाए,
चुराया तुमने है दिल हमारा।

नशा नशा सा छाया है बस,
तुम्हारे होठों को छू लिया है,
ये कैसी मय है ये कैसा जादू,
मिटा तुम्हीं पर है दिल हमारा

खुशबू इतनी कहाँ से लाई,
बाग सारे है बहके बहके,
तुमसे सहमे हैं फूल सारे,
खोया तुममे है दिल हमारा।

ये भोली भाली अदाएं कातिल,
समझ न पाऊं क्या तेरे दिल मे,
कभी लगाती गले हो मुझको,
कभी तो रोता है दिल हमारा।

न सांस आये, न सांस जाए,
लगा लो मुझको गले से ऐसे,
लब ये छू लें तुम्हारे लब यूं,
थम ही जाए ये दिल हमारा।
Vishu "आनन्द"

04 मार्च, 2021

Comments

Popular posts from this blog

अरमानों पर पानी है 290

रिश्ते

खिलता नही हैं