राजनितिक मर्यादा

मुझे नही लगता कि यह सही है कि जेल से सब बुराई सीख कर निकलते हों और दिल्ली में भाजपा की CM candidate रही किरण बेदी जी भी इससे सहमत नही होनी चाहिए थी, मालूम नही अब शायद हों भी. क्योंकि आस्थाओं के साथ शायद विचार और सिद्धांत भी बदल सकते है, अन्यथा उनका पुरजोर विचार जेल को सजा के केन्द्र नही सुधार गृह बनाने के रहे हैं.

मेरा कोई लालू जी के प्रति झुकाव ना कभी था न ही होगा. लेकिन सिर्फ विरोध के लिए सभी को एक साथ रखना किसी को भी शोभा नहीं देता कि सभी जेल जाने वाले बुराई ही सीखते हैं. क्या ये बात गांधी, भगत सिंह, सुखदेव इत्यादी हजारों देश भक्तों पर भी लागू हैं और आपातकाल में जेल गए भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं अटल जी, आडवानी  जी पर भी. अच्छा इन सब को छोड़ दें तो क्या सभी पार्टींयों मे अभी के नेताओं पर तो लागू होगा ही जो जेल यात्रा कर चुके हैं.

सिर्फ भाषण को चटपटा बनाने के लिये बहुत सी बातें कही जाती हैं या कहे "जुमला" कहे जाते है लेकिन प्रधानमंत्री जी को यह याद रखना सबसे जरूरी हो जाता है कि वह अब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नही हैं कि अपने भाषण को चटपटा बनाने के लिये कुछ भी बोल दे. वह भले ही अपनी पार्टी के मुख्य या कहें एकमात्र प्रचारक है तो भी वह पहले देश के प्रधानमंत्री हैं. इसलिए वो सिर्फ जुमलाें के लिए कुछ भी नहीं बोल सकते.

वो कांग्रेस के लिए भी प्रधानमंत्री हैं वाम दलों के भी, नितीश जी के भी और लालू जी के भी, और केजरीवाल जी के भी. कम से कम उनसे प्रधानमंत्री की मर्यादा को न तोड़ने उम्मीद की जा सकती है. यही वह देश है जहाँ विपक्ष में होकर भी अटल जी ने इंद्रा गाँधी की प्रसंशा की, और विपक्ष में होने के बाद भी अटल जी को UNO भेजा गया.

यह भी एक विचारणीय प्रश्न होना चाहिए कि दिल्ली के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार में कहीं इसी मर्यादा उलंघन का हाथ तो नही था क्योकिं भाजपा ने देश को रामराज्य का सपना दिखाया. उस हिसाब से तो जनता मर्यादाओं का मर्दन स्वीकार नहीं करेगी.

लेकिन अब नेताओं से मर्यादा की उम्मीद करनी चाहिए ये भी विचारणीय है

Comments

  1. प्रिय विश्व जी -- आपने ब्लॉग की शेयरिंग के बारे में पूछा है | आपके हर लेख के नीचे MBtfG लिखा है जो इन विभिन्न मंचों पर शेयर करने के लिए हैं |आप लोगों को ग्प्लुस पर जाकर फोलो कीजिये | सस्नेह शुभकामनायें | MSG आज ही देख पाई | व्यस्तता रहती है |

    ReplyDelete
  2. अच्छा लेख है |

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

अरमानों पर पानी है 290

रिश्ते

खिलता नही हैं